डालमिया भारत ने पश्चिम भारत में कदम रखते हुए महाराष्‍ट्र के मुरली प्‍लांट में 2.9 मिलियन टन सीमेंट की क्षमता जोड़ी

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देहरादून- भारत में सीमेंट की अग्रणी सीमेंट कंपनी तथा डालमिया भारत लिमिटेड की अनुषंगी, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड (डीसीबीएल) ने महाराष्‍ट्र के चंद्रपुर जिले में अपने मुरली प्‍लांट पर वाणिज्यिक उत्‍पादन शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ कंपनी की कुल संस्थापित सीमेंट उत्पादन क्षमता में 2.9 मिलियन टन‍ की वृद्धि हुई है और अब कंपनी की कुल स्‍थापित सीमेंट क्षमता 35.9 मिलियन टन हो गई है। कंपनी ने ₹ 410 करोड़ में इस कारखाने का अधिग्रहण किया है। इसके अलावा कंपनी ने पुनरुद्धार, आधुनिकीकरण, विस्तार और वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम्स, सोलर पॉवर, ग्रीन फ्यूल्स सिस्टम्स एवं उन्नत गुणवत्ता की निगरानी के लिए रोबोटिक लैब्स जैसे हरित विनिर्माण उपकरण संस्थापित करने के लिए ₹ 929 करोड़ निवेश करने का फैसला किया है। कुल ₹ 1339 करोड़ में से लगभग ₹ 900 करोड़ खर्च/सुपुर्द किया जा चुका है। दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) प्रक्रिया के तहत अधिग्रहण से 15 महीने के रिकॉर्ड टाइम में इस कारखाने का पुनरुद्धार किया गया है।

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इससे पहले, डालमिया भारत ने साल 2031 तक देशभर में अपनी स्‍थापित सीमेंट क्षमता को बढ़ाकर 110-130 मिलियन टन प्रतिवर्ष करने के लिये वृद्धि और निवेश की अपनी लंबी अवधि की रणनीति का खुलासा किया था। वृद्धि की इस रणनीति पर ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक अवसरों के मेल के माध्‍यम से काम हो रहा है और ज्‍यादा सुनियोजित तथा कम खर्चीले ऑर्गेनिक मार्ग पर जोर दिया जा रहा है।

 

कंपनी की वृद्धि एवं विस्‍तार योजनाओं के बारे में डालमिया भारत लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्‍टर श्री पुनीत डालमिया ने कहा, “हमने इस साल की शुरूआत देशभर में अपनी वृद्धि की रणनीति के अनुरूप की है। खासकर पश्चिमी बाजार में हमने एक प्रगतिशील और स्‍थायित्‍वपूर्ण परितंत्र बनाकर बतौर एक कॉर्पोरेट लीडर, गंभीरता से जिम्‍मेदारी लेना जारी रखा है। इसके आगे, और महाराष्‍ट्र जैसे महान राज्‍य के साथ भागीदारी में, हम व्‍यवसाय, समाज और स्‍थायित्‍व से जुड़े अपने महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍यों पर केन्द्रित होंगे।”

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अपनी बिजनेस फिलोसॉफी ‘क्‍लीन एंड ग्रीन इज़ प्रॉफिटेबल एंड सस्‍टेनेबल’ के अनुसार डालमिया भारत ने पिछले एक दशक में अपने कार्बन फुटप्रिंट को 22 प्रतिशत तक कम किया है और अपने फायदे को तीन गुना बढ़ाया है। आज इस कंपनी का कार्बन फुटप्रिंट विश्‍व के सबसे कम में से एक है और यह 2040 तक कार्बन निगेटिव बनने के लिये प्रतिबद्ध है।

 

मुरली प्‍लांट के वाणिज्‍यीकरण की शुरूआत पर चर्चा करते हुए, डीसीबीएल के एक्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर श्री हकीमुद्दीन अली ने कहा, “हम राज्‍य सरकार और चंद्रपुर के लोगों के निरंतर सहयोग के लिये उनके आभारी हैं, जिससे हम इस प्‍लांट में परिचालन बहाल कर सके हैं। क्षमता में इस बढ़त से हम भारत के सबसे बड़े सीमेंट बाजार महाराष्‍ट्र की बढ़ती मांग पूरी करने के लिये उत्‍पादन कर सकेंगे, खासकर विदर्भ, मराठवाड़ा और खानदेश क्षेत्रों के लिये।”

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यह प्रगति स्‍थायित्‍वपूर्ण वृद्धि और उत्‍पादन बढ़ाने के लिये डालमिया भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और इससे क्षेत्र में रोजगार के मौके भी बनेंगे। अतिरिक्‍त क्षमता से सुनिश्चित होगा कि कंपनी देशभर में सीमेंट की बढ़ती मांग पूरी करने के लिये एक व्‍यापक उत्‍पाद श्रृंखला की पेशकश करे।

 

RCF

 

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