टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने कारपोरेट कार्यालय और परियोजना कार्यालयों में मनाया 77वां स्वतंत्रता दिवस

131

ऋषिकेश: 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर.के. विश्नोई ने निगम के सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं संप्रेषित की । कंपनी और राष्ट्र के विकास और इनकी प्रगति में टीएचडीसी परिवार के सामूहिक प्रयासों और समर्पण की प्रशंसा करते हुए श्री विश्नोई ने कहा कि देश के बिजली क्षेत्र के विकास में प्रत्येक कर्मचारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को इस कार्य में अपना पूर्ण योगदान एवं सहयोग देने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने 15 अगस्त, 2023 को ऋषिकेश में अपने कारपोरेट कार्यालय के साथ-साथ अपनी विभिन्न परियोजनाओं और यूनिट कार्यालयों में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस अहम अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए, निगम के कर्मचारी बेहद प्रसन्न और अटूट देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत दिखाई दिए। इस अवसर पर श्री. जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने ऋषिकेश में निगम के कारपोरेट कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा सभी उपस्थित कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित किया। टिहरी प्रोजेक्ट साइट में श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने गौरव एवं उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया । खुर्जा एसटीपीपी में श्री भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने का गौरव प्राप्त किया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की विभिन्न परियोजनाओं और कार्यालयों में प्रबंधन द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने से कर्मचारियों में एकता एवं समर्पण की भावना को प्रोत्साहन मिला और स्वतंत्रता दिवस के प्रति काफी जोश एवं उत्साह दिखाई दिया।

Also Read....  मुख्यमंत्री से एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी विजेता महिला हॉकी टीम की सदस्य हरिद्वार निवासी मनीषा चौहान ने शिष्टाचार भेंट की।

श्री बेहेरा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर जोर दिया और इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के विद्युत क्षेत्र के विकास में टीएचडीसी की भूमिका के बारे में भी बताया । श्री बेहेरा ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली तब हमारी जीडीपी केवल 2.7 लाख करोड़ रुपये थी जो अब प्रभावी रूप से बढ़कर 3.38 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है और भारत 2030 से पहले 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के विकास पथ पर अग्रसर है।

श्री बेहेरा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अद्यतन योगदान (एनडीसी) के अनुरूप, भारत सरकार 2070 तक पूर्ण रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, 2030 तक, हमारी संचयी विद्युत संस्थापित क्षमता का लगभग 50% गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से आने वाला है। श्री बेहेरा ने आगे कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड भी इसी के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निरंतर प्रयास जारी रखे हुए है।

Also Read....  सीएम पुष्कर धामी ने हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया।

टिहरी परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए, श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक(कार्मिक) ने देश के सबसे ऊंचे बांध पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के गौरव के लिए हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की। श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एक भव्य विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह हमारे देश के चहुमुखी विकास में योगदान देने के लिए सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि इस पवित्र अवसर पर हमें उन बलिदानों को याद करना चाहिए जिन्होंने हमारे वर्तमान के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त किया है और ऐसा भविष्य तैयार करने के लिए खुद को पुन: प्रतिबद्ध करना चाहिए जो हमारे पूर्वजों की विरासत का सम्मान करता हो।

Also Read....  दून पुलिस की बड़ी कार्रवाई देर रात रेड के दौरान 40 लड़के व 17 लड़कियों को अवैध रूप से हाउस पार्टी करते हुए धर दबोचा

खुर्जा एसटीपीपी परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए श्री भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान देने वाली समर्पित टीम के सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि अब तक हासिल की गई प्रगति न केवल कर्मचारियों, बल्कि प्रत्येक हितधारक के समर्पण और विशेषज्ञता का प्रमाण है। इस योगदान में प्रत्येक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
इस अवसर के दौरान, टीएचडीसीआईएल की सभी परियोजनाओं और इकाई कार्यालयों में ‘पंच प्रण’ प्रतिज्ञा भी ली गई।
टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में प्रमुख विद्युत उत्पादक है, इसमें उत्‍तराखण्‍ड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं, उत्‍तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट के ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना, केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है।

LEAVE A REPLY