देहरादून – प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई नरेन्द्र सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “सतगुरु होइ दइआलु त सरधा पुरिऐ” का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गए।
भाई चरनजीत सिंह जी ने ‘सो सतिगुरु पिआरा मेरै नाल है जिथै किथै मैनो लए छडाई’ का शब्द गायन किया। हैंड ग्रंथि ज्ञानी शमशेर सिंह जी गुरुद्वारा साहिब जी का इतिहास बताते हुए भादों महीने के शब्द की व्याख्या की।
उत्तराखंड सरकार ने सिखों की मांग को पूरा करते हुए आनंद कारज एक्ट लागू किया, जिसके लिए देहरादून शहर के मुख्य संस्था गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार की प्रबंधक कमेटी एवं देहरादून की समूह सिख संगत ने माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का धन्यवाद किया।। मुख्यमंत्री जी ने गुरुद्वारा साहिब जी की सराय एवं गुरुद्वारा साहिब जी के स्कूल दशमेश अकादमी के लिए 25-25 लाख देने की घोषणा की।। गुरुद्वारा साहिब जी में आकर मुझे बहुत अच्छा लगा।। और मैं जानता हूं की कोविद के समय भी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार ने राशन लंगर ऑक्सीजन एवं एंबुलेंस आदि की सेवा में उपलब्ध कराई थी ।। स्कूल में जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई एवं जरूरतमंद बच्चों की पूर्ण तौर से सहयोग करते हैं।। इसके लिए गुरुद्वारा साहिब जी की प्रबंधक कमेटी का धन्यवाद भी किया।।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। एवं मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास , पुनीत मित्तल,संतोख सिंह नागपाल, कमलप्रीत कौर, श्याम अग्रवाल, विशाल गुप्ता आदि को भी सम्मानित किया गया ।।
हैंड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने सरबत के भले के लिए अरदास की, प्रधान, गुरबख्श सिंह राजन जी व जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह जी द्वारा संगतों को भादों महीने की संगरांद की बधाई दी ।। मंच का संचालन मानवेंद्र सिंह भसीन ने किया।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया,
इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह जी राजन अध्यक्ष, गुलज़ार सिंह महासचिव, जगमिंदर सिंह छाबड़ा,चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,देविंदर सिंह मान, सेवा सिंह मठारु,मंजीत सिंह, सतनाम सिंह,गुरप्रीत सिंह जौली, अरविन्दर सिंह,हरबन्स सिंह, सुरजीत सिंह,राजिंदर कुमार चड्डा,रमिन्दर सिंह राणा, गुरदियाल सिंह,राजिंदर सिंह राजा, दविंदर सिंह सहदेव, हरमोहिंदर सिंह,जगजीत सिंह, बृजमोहन सिंह,जसविंदर सिंह मोठी, जगमोहन सिंह आदि उपस्थित रहे।।