दार्जिलिंग की उपेक्षा कर रही है ममता: महाराज

216

– ममता राज में फिर से उठने लगी है गोरखालैंड की मांग

दार्जिलिंग/देहरादून।  पश्चिम बंगाल विधानसभा ने फरवरी में राज्य को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। जिसके बाद गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के नौ सदस्य दार्जिलिंग में भूख हड़ताल पर बैठ गये। हमरो पार्टी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा जैसी गोरखालैंड समर्थक पार्टियों ने हड़ताल का आह्वान किया था।बिनय तमांग ने यह कहते हुए टीएमसी छोड़ दी कि दार्जिलिंग में लोकतंत्र खतरे में है। ममता सरकार की उपेक्षित नीतियों के चलते फिर से अलग राज्य की मांग उठने लगी है।

उक्त बात उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक सतपाल महाराज ने रविवार को दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजू बिस्ता के समर्थन में लेबोंग गोरखा ग्राउंड, दार्जिलिंग में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जहां नीत नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है वहीं पश्चिमी बंगाल में ममता की टीएमसी की गुंडागर्दी जग जाहिर हो रही है। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) विकास कार्य सही ढंग से नहीं कर पा रहा है। पहले, हर साल पहाड़ियों से लगभग 100 युवाओं को नर्सिंग संस्थानों में दाखिला मिलता था, लेकिन इस शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश नीति में बदलाव के कारण केवल 20 को ही प्रवेश मिला है। फिर भी, जीटीए इस मुद्दे को बंगाल सरकार के सामने नहीं उठा पा रहा है। टीएमसी केवल अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पहाड़ी क्षेत्रों में पट्टे (भूमि अधिकार दस्तावेज) वितरित कर रही है। सिलीगुड़ी में पट्टों की मांग है। सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गयी। दार्जिलिंग जिले का चिकित्सा बुनियादी ढांचा बहुत खराब है। संचार भी अच्छा नहीं है।

Also Read....  डब्ल्यूआईसी इंडिया ने उत्साह, खूबसूरती और एकजुटता के साथ मनाया तीज 2025

श्री महाराज ने कहा कि दार्जिलिंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 2011 गोरखालैंड टेरिटोरियल से अपनी वापसी की घोषणा की प्रशासन (जीटीए) ने तीन हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक के रूप में समझौता किया और एक अलग राज्य की मांग के लिए एक और आंदोलन की शुरुआत की। टीएमसी जहां लगातार दार्जिलिंग की उपेक्षा कर रही है वहीं केन्द्र में भाजपा की मोदी सरकार धरातल पर जन कल्याण के काम कर रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जिलेवार निर्धारित लक्ष्य 4,189 के सापेक्ष 4,094 मकान अब बन चुके हैं। जल जीवन मिशन के तहत, 81,610 घरों को पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत, शुरुआत से अब तक 1,25,781 गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, दार्जिलिंग में 6 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत, दार्जिलिंग (दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल और सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद) में 4.29 लाख श्रमिक और 2.46 लाख जारी जॉब कार्ड हैं।

Also Read....  प्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी सूबे के 550 सरकारी स्कूलों को गोद लेंगे उद्योगपतिः डॉ. धन सिंह रावत

उन्होंने ने कहा कि चाय श्रमिकों के कल्याण को मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में असम और पश्चिम बंगाल में चाय श्रमिकों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। 2023-24 का केंद्रीय बजट विशेष रूप से दार्जिलिंग पहाड़ियों, तराई और डुआर्स क्षेत्र के लिए फायदेमंद है। विरासत दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) ने हाल ही में एक विस्टाडोम कोच और रेस्तरां जोड़ा है। भारतीय रेलवे की दार्जिलिंग मेल को प्रोजेक्ट उत्कृष्ट के तहत अपग्रेड किया गया है।

Also Read....  धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

इस अवसर पर भाजपा पश्चिम बंगाल उपाध्यक्ष संजम सिंह, दार्जिलिंग विधायक नीरज ज़िम्बा,‌ भाजपा जिलाध्यक्ष कल्याण दीवान, जीजेएमएम के अध्यक्ष विमल गुरुंग, मन घीसिंग अध्यक्ष, जीएनएलएफ, प्रवीण अग्रवाल ,अध्यक्ष गोरानिम, लोपसांग लामा, एलएम लामा, एनबी छेत्री, रोशन गिरी, प्रोफेसर महेंद्र पी लामा, श्रीमती चंद्रकला राय आदि उपस्थित थे।

 

LEAVE A REPLY