देहरादून-टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित लोगों के विस्थापन एवं पुनर्वास संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु एक बैठक कल (शुक्रवार) को श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली में आहूत की जाएगी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि उत्तराखंड सरकार एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के बीच होने वाली इस बैठक में वर्षों से लम्बित विस्थापितों की कई समस्याओं का निदान हो सकता है।
टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित लोगों के विस्थापन पुनर्वास के संबंध में उत्तराखंड सरकार एवं टीएचडीसी के मध्य कई दौर की बैठकों के पश्चात भी विस्थापितों की समस्याओं का निदान ना पाने होने के कारण अब उन समस्याओं जिनका निराकरण ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के स्तर से होना है के लिए एक बैठक कल (शुक्रवार) को प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज एवं केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजकुमार सिंह के बीच ऊर्जा मंत्रालय, श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में आहूत की गई है। प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि टिहरी बांध प्रभावितों की पात्रता के आंकलन के लिए सम्पार्श्विक क्षति नीति 2013 के संबंध में, टिहरी बांध परियोजना के अवशेष लगभग 415 परिवारों के पुनर्वास हेतु निजी भूमि अथवा नगद धनराशि के संबंध और टिहरी बांध झील के प्रभावित भिलंगना, भागीरथी घाटी में फैरी बोट, स्कूल बसों, व 2 रोपवे के संचालन आदि अनेक विषयों के निदान को लेकर होने वाली इस बैठक में निश्चित रूप से विस्थापितों की समस्या का समाधान का रास्ता निकल पाएगा ऐसी मुझे आशा है। महाराज ने कहा कि टिहरी बांध विस्थापितों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निदान की मांग निरंतर होती आ रही है। पुनर्वास निदेशालय और टिहरी बांध परियोजना से संबंधित अनेक ऐसे विषय हैं जिनका समाधान टीएचडीसी से नहीं अपितु ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के स्तर से किया जाना है इसलिए यह बैठक महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ पुनर्वास संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।